दीवाना

 
तुझसे मिलने की खातिर
 सात समंदर पार आया हूं
  कौन कहता है
  इश्क ने गालिब
  निकम्मा कर दिया।।
  
 देख मुझको 
 छोड़ कर घर-बार आया हूं
 न जमाने की फिक्र
 न समाज का डर
 जो सामने आया उसे 
 पछाड़ आया हूं।।
 
दीवाना था मैं
दीवानगी की हद 
पार कर आया हूं।।

अब अपना ले
या  त्याग दे मुझे
सारा कारोबार 
तेरे नाम पर
छोड़ आया हूं।।
@अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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