बस नींद नहीं आती है
यादें इस क़दर मुझे आती है सब कुछ तो ठीक है बस नींद नहीं आती है ।। तारों को देखता रहता हूँ तनहाई…
यादें इस क़दर मुझे आती है सब कुछ तो ठीक है बस नींद नहीं आती है ।। तारों को देखता रहता हूँ तनहाई…
जो तुम्हें आज लग रहा प्रश्न है शायद कल न रहे समय के पास सबका उत्तर है।। अंधकार के पास ही प्रका…
रणविजय हो तुम क्यों व्यर्थ में डरते हो यह रण तुम्हारी रचना फिर क्यों नहीं चढ़ …
नई चुनौतियों को चूना लगाते हैं बहुत हुआ महत्वकांक्षा वाली बात आज कोने में खटिय…